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Saturday, 28 May 2016

Stri Vashikaran Totke In Hindi स्त्री वशीकरण टोटके

1. छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी , काकड़सिंगी आदि सारी सामग्री को इक्ट्ठा कर धूप बना दें व जिस किसी स्त्री के सामने धूप देगें वह वशीभूत होगी।
2. काकजंघा, तगर, केसर इन सबको पीसकर स्त्री के मस्तक पर तथा पैर के नीचे डालने पर वह वशीभूत होती है।
3. तगर, कूठ, हरताल व केसर इनको समान भाग में लेकर अनामिका अंगुली के रक्त में पीसकर तिलक लगाकर जिसके सम्मुख आएंगे वह वशीभूत हो जाएगा। ज्यादातर सभावशीकरण करने के लिए यह प्रयोग किया जाता है।
4. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अनार की लकड़ी तोड़कर लाएं व धूप देकर उसे अपनी दांयी भुजा में बांध लें तो प्रत्येक व्यक्ति वशीभूत होगा।
5. शुक्ल पक्ष के रविवार को ५ लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।
6. पीली हल्दी, घी (गाय का), गौमूत्र, सरसों व पान के रस को एक साथ पीसकर शरीर पर लगाने से स्त्रियां वश में हो जाती है।

लवण या नमक वशीकरण प्रयोग
Salt Vashikaran Spells:

Om Bhaghwati Bhag Bhaag Dayani dev|
Danti mam vashya karu karu swaha ||

How to Do this Salt Vashikaran: This vashikaran is specific used to attract the Girl or Woman (Put the name of girl in place of dev danti). On the Thursday took some salt with happiness and spell this with above mantra 7 times. Then mix this salt in food or any other eatable things of desired girls or women. Then let her eat / drink that. She will definitely attract or hypnotize.

vashikaran specialist +919646904000


ॐ  भगवती भग भाग दायनी देव
दन्ती मम वंश्य करु करु स्वाहा।

विधि: इस मंत्र का प्रयोग स्त्री को वशीभूत करने के लिए किया जाता है. (देव दन्ती के स्थान पर स्त्री का नाम बोलें). इस मंत्र के द्वारा गुरुवार को खुसीखुसी नमक लेकर और इस मंत्र से 7 बार अभिमंत्रित कर के - इच्छित स्त्री के खाने या पिने में देंऐसे करने से वो स्त्री शत प्रतिशत मोहित  हो जायेगी.


DISCLAIMER: *** : –1. मन्त्रों का प्रभाव और परिणाम हमेशा साधक के विश्वास व् श्रद्धा पर आधारित होता है। 


2. E-BOOKS OR BLOG में जो भी मंत्र दिए गए है केवल सूचनार्थ ही है अन्यथा अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान के लिए प्रकाशक व् लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। 


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4. मारण कर्म का प्रयोग तभी करना है जब आपके अपने प्राण संकट में हो और कोई भी रास्ता आपके बचने का न हो तब आप अपनी रक्षा के लिए इसका प्रयोग कर सकते है। अन्यथा इसका प्रयोग आपको पाप का भागीदार बना देगा ।